शब्दों को जन्म ही नही दिया
जीवन की आशा दी है
हिंदी तुम ने हर एक भाव को
कोई परिभाषा दी है
जननी हो कर नयी
भाषाओं को रचा है
तुम ने जो भी कह दिया
हर शब्द सच्चा है
तुम माँ हो यही सच है
तुम से दूर क्यों रहा जाए
तुम मे ही हर दिन का काज
किया जाए जो किया जाए
कहा जाए जो कहा जाए
तुम से दूर क्यों रहा जाए
गंगाजल सी निर्मल हो
ममता जैसी सरल हो
तुम सभी देवताओं की
अर्चनाओं का फल हो
तुम मे बालक की हथेली कभी
कभी आकाश सा फैलाव है
तुम उसे साँचा दे देती हो
मेरे पास जो भी भाव है
अब दूरीया सब मिटानी हैं
तुम्हारे पास मैं सदा रहूँगा
तुम जो कहोगी मैं लिखूँगा
तुम जो लिखोगी मैं कहूँगा
तुम्हारे पास मैं सदा रहूँगा.......
जीवन की आशा दी है
हिंदी तुम ने हर एक भाव को
कोई परिभाषा दी है
जननी हो कर नयी
भाषाओं को रचा है
तुम ने जो भी कह दिया
हर शब्द सच्चा है
तुम माँ हो यही सच है
तुम से दूर क्यों रहा जाए
तुम मे ही हर दिन का काज
किया जाए जो किया जाए
कहा जाए जो कहा जाए
तुम से दूर क्यों रहा जाए
गंगाजल सी निर्मल हो
ममता जैसी सरल हो
तुम सभी देवताओं की
अर्चनाओं का फल हो
तुम मे बालक की हथेली कभी
कभी आकाश सा फैलाव है
तुम उसे साँचा दे देती हो
मेरे पास जो भी भाव है
अब दूरीया सब मिटानी हैं
तुम्हारे पास मैं सदा रहूँगा
तुम जो कहोगी मैं लिखूँगा
तुम जो लिखोगी मैं कहूँगा
तुम्हारे पास मैं सदा रहूँगा.......
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