वे आबाद हैं
इसीलिए देश आजाद है
तीन रंगों कि गीली आज़ादी
हर साल रंगीन हो जाती है
ये देश इतना पावन है
के देश भक्ति एक सावन है
कब बरस जाये
और यह रंग बह जायें
स्कूलों मैं राष्ट्र वंदना गाते हैं
समोसे से जले हाथ को झंडे से सहलाते हैं..
हिन्दू मुस्लिम विवाद धार्मिक है
और धर्म मैं कभी कभी कपडे भी फट जाते हैं..
हर चुनाव के परिणाम मैं
ग़रीब कहता है
" कि अगर वो नेता होता
तो कुछ दुखी नहीं होने देता"
मगर किस को मालूम कि सत्ता उस चूने का नाम है
जो ठेले मैं पान के साथ खा लिया जाता है
क्या कहें कि राजनीती मजबूरी का नाम है
एक तरफ मछली सा पेट
एक तरफ आवाम है
और वे सभी मुझ से सहमत हैं
के यह देश एक तहमत है
जब भारी लगा पहनो
हल्का लगा उतार दो
सबके हाथ मैं देश का झंडा है
कि देश चलाना बनिए का धंधा है
गुनाह काले तवे पर सफ़ेद सा सिकता है
देश का झंडा आठ आने मैं बाज़ार मैं बिकता है
देशभक्ति हमारी फितरत नहीं आदत है
आदत बुरी है, आदत शामत है.
इसीलिए देश आजाद है
तीन रंगों कि गीली आज़ादी
हर साल रंगीन हो जाती है
ये देश इतना पावन है
के देश भक्ति एक सावन है
कब बरस जाये
और यह रंग बह जायें
स्कूलों मैं राष्ट्र वंदना गाते हैं
समोसे से जले हाथ को झंडे से सहलाते हैं..
हिन्दू मुस्लिम विवाद धार्मिक है
और धर्म मैं कभी कभी कपडे भी फट जाते हैं..
हर चुनाव के परिणाम मैं
ग़रीब कहता है
" कि अगर वो नेता होता
तो कुछ दुखी नहीं होने देता"
मगर किस को मालूम कि सत्ता उस चूने का नाम है
जो ठेले मैं पान के साथ खा लिया जाता है
क्या कहें कि राजनीती मजबूरी का नाम है
एक तरफ मछली सा पेट
एक तरफ आवाम है
और वे सभी मुझ से सहमत हैं
के यह देश एक तहमत है
जब भारी लगा पहनो
हल्का लगा उतार दो
सबके हाथ मैं देश का झंडा है
कि देश चलाना बनिए का धंधा है
गुनाह काले तवे पर सफ़ेद सा सिकता है
देश का झंडा आठ आने मैं बाज़ार मैं बिकता है
देशभक्ति हमारी फितरत नहीं आदत है
आदत बुरी है, आदत शामत है.
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