Bharat Mata Ki Jai

Bharat Mata Ki Jai
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी.

Wednesday 25 January 2012

" खुशियाँ मनाये आजादी की "



 
 
आज़ाद हुए थे हम आज
आज ही शहीदों की आत्मा को मिला था सुकून
आज ही जाग उठा था भारत
जब सो रही थी सारी दुनिया

वक़्त बीता
माहोल बदला...
साल गुज़रे
पर दिल से वो यादें नहीं जाती
जब जाने कितनो का खून बहा था
जब माँ की कोख में पड़े थे छाले

आओ आज हम
याद करे उन्हें
जो मिट गए के हम
आज़ाद भारत में सांस ले सके
तो क्या हुआ गर
साँसे उनकी थम गयी

आओ आज मनाये हम
आजादी सच्चे मायने में
सीख ले कुछ
उन गुलामी के दिनों से
खुशियाँ मनाये आजादी की
मगर -
ज़रा आंसू भी छलकाए
याद करके वीर जवानो को
 
 
                                                 Santosh Kumar
 

Sunday 22 January 2012

"चल मरदाने"

चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पाँव बढ़ाते,
मन मुसकाते, गाते गीत।

एक हमारा देश, हमारा
वेश, हमारी कौम, हमारी
मंज़िल, हम किससे भयभीत।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पाँव बढ़ाते,
मन मुसकाते, गाते गीत।
हम भारत की अमर जवानी,
सागर की लहरें लासानी,
गंग-जमुन के निर्मल पानी,
हिमगिरि की ऊँची पेशानी,
सब के प्रेरक, रक्षक, मीत।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पाँव बढ़ाते,
मन मुसकाते, गाते गीत।
जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुड़ेगा,
उसका जीवन उसकी जीत।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पाँव बढ़ाते,
मन मुसकाते, गाते गीत।

       - हरिवंश राय बच्चन