Bharat Mata Ki Jai

Bharat Mata Ki Jai
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी.

Monday, 23 March 2015


उनका मकसद था

आवाज़ को दबाना

अग्नि को बुझाना

सुगंध को कैद करना


तुम्हारा मकसद था

आवाज़ बुलंद करना

अग्नि को हवा देना

सुगंध को विस्तार देना


वे क़ायर थे

उन्होंने तुम्हें असमय मारा

तुम्हारी राख को ठंडा होने से पहले ही

प्रवाहित कर दिया जल में


जल ने

अग्नि को और भड़का दिया

तुम्हारी आवाज़ शंखनाद में तबदील हो गई

कोटि-कोटि जनता की प्राणवायु हो गए तुम!!

 

 

 

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