नई आश, किरणें बिखराओ !
हरो मनुज मन का अँधियारा !!
नवल वर्ष की स्वर्ण रश्मियों
से हो धरा गगन आल्हादित
विश्व समूचा दिग दिगंत तक
हो हर्षित, प्रमुदित, उत्साहित
हृदय सरोवर में विकसित हों
बन्धु भाव के सुरभित शतदल
जन जन में उल्लास जगे, हो
शुचिता, सेवा, त्याग, मनोबल
घर घर में खुशियां मिल तोड़े
कलुषित भेदभाव की कारा
नवल दृष्टि पाये जग सारा
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा !
आप सभी को नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
हरो मनुज मन का अँधियारा !!
नवल वर्ष की स्वर्ण रश्मियों
से हो धरा गगन आल्हादित
विश्व समूचा दिग दिगंत तक
हो हर्षित, प्रमुदित, उत्साहित
हृदय सरोवर में विकसित हों
बन्धु भाव के सुरभित शतदल
जन जन में उल्लास जगे, हो
शुचिता, सेवा, त्याग, मनोबल
घर घर में खुशियां मिल तोड़े
कलुषित भेदभाव की कारा
नवल दृष्टि पाये जग सारा
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा !
आप सभी को नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
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