Bharat Mata Ki Jai

Bharat Mata Ki Jai
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी.

Friday, 25 January 2013

मानवता धर्म, सिखलाता गणतंत्र है




सत्य औ अहिंसा का, देता जो मंत्र है
हर्षोल्लास भरा, दिवस गणतंत्र है।

आबाल वृद्ध, नर नारी के, ह्रदय में
देश प्रेम, प्रसारता, हमारा गणतंत्र है।

सेवा, समर्पण और, त्याग भरी भावना
तन मन, धन वारना, सिखाता गणतंत्र है।

नफरत बुराई बैर आदि को मेटता
जन मन में, प्यार को, बढ़ाता गणतंत्र है।

जाति मजहब के, भेद कोई, पाले नहीं
मानवता धर्म, सिखलाता गणतंत्र है।

मानवीय, मूल्यों का, दुनिया में सर्वश्रेष्ठ
संदेश, विश्व शांति का, देता गणतंत्र है।

सुख दुख के, साथी बन, भाईचारा पालें
समरसता पाठ, हमें, पढ़ाता गणतंत्र है।

सर्वजन हिताय है, सर्वजन सुखाय
प्रगति पथ पर अग्रसर, हमारा गणतंत्र है।

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