Bharat Mata Ki Jai

Bharat Mata Ki Jai
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी.

Sunday 12 August 2012

वंदन मेरे देश


वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश
पूजन अर्चन आराधन अभिनंदन मेरे देश
तुझसे पाई माँ की ममता
और पिता का प्यार
तेरे अन्न हवा पानी से
देह हुई तैयार
तेरी मिट्टी-मिट्टी कब है चंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश

भिन्न भिन्न भाषाएँ भूषा
यद्यपि धर्म अनेक
किंतु सभी भारतवासी हैं
सच्चे दिल से एक
तुझ पर बलि है हृदय-हृदय स्पंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश

पर्वत सागर नदियाँ
ऐसे दृश्य कहाँ
स्वर्ग अगर है कहीं धरा पर
तो है सिर्फ़ यहाँ
तू ही दुनिया की धरती का नंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश|

                        Santosh Kumar.

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