आज़ाद हुए थे हम आज
आज ही शहीदों की आत्मा को मिला था सुकून
आज ही जाग उठा था भारत
जब सो रही थी सारी दुनिया
वक़्त बीता
माहोल बदला...
साल गुज़रे
पर दिल से वो यादें नहीं जाती
जब जाने कितनो का खून बहा था
जब माँ की कोख में पड़े थे छाले
आओ आज हम
याद करे उन्हें
जो मिट गए के हम
आज़ाद भारत में सांस ले सके
तो क्या हुआ गर
साँसे उनकी थम गयी
आओ आज मनाये हम
आजादी सच्चे मायने में
सीख ले कुछ
उन गुलामी के दिनों से
खुशियाँ मनाये आजादी की
मगर -
ज़रा आंसू भी छलकाए
याद करके वीर जवानो को
Santosh Kumar
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